वो गलियाँ जहां से तूने थमा था मेरा हाथ,
वो मोड़ , जहां से तूने छोड़ा था मेरा साथ,
अभी तक वहां से मैं आई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नहीं हूँ,
तकती हैं सूनी आँखे ये टेढ़े-मेंढे रास्ते,
तेरे आने ख़ुशी में रोने के वास्ते ,
दर्द का एक आंसू बहाई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नही हूँ,
कहता है मुझसे मेरी मुहब्बत का सुरूर ,
जो मेरा है तो फिर तू आएगा ज़रूर ,
एक पल भी तुझे भूल पाई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नहीं हूँ,,,,,,,
वो मोड़ , जहां से तूने छोड़ा था मेरा साथ,
अभी तक वहां से मैं आई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नहीं हूँ,
तकती हैं सूनी आँखे ये टेढ़े-मेंढे रास्ते,
तेरे आने ख़ुशी में रोने के वास्ते ,
दर्द का एक आंसू बहाई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नही हूँ,
कहता है मुझसे मेरी मुहब्बत का सुरूर ,
जो मेरा है तो फिर तू आएगा ज़रूर ,
एक पल भी तुझे भूल पाई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नहीं हूँ,,,,,,,
8 comments:
बहुत ही बढ़िया
सादर
दिल को छू लेने वाली रचना !!
शुभकामनायें !!
ज़बरदस्त ..............बहुत अच्छा ......
ज़बरदस्त .............शानदार
बहुत खूब.
कमाल की बंध हैं सभी ...
वो जरूर आएगा ...
दिल को छु ने वाली .सुन्दर अभिवव्क्ति, ..अच्छी रचना
सुन्दर रचना
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
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