Tuesday 12 March 2013

तू आएगा ज़रूर.......

वो गलियाँ जहां से तूने थमा था मेरा हाथ,
वो मोड़ , जहां से तूने छोड़ा था मेरा साथ,
अभी तक वहां से मैं आई नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई नहीं हूँ,



तकती हैं सूनी आँखे ये टेढ़े-मेंढे रास्ते,
 तेरे आने ख़ुशी में रोने के वास्ते ,
दर्द का एक आंसू बहाई  नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई  नही हूँ,



कहता है मुझसे मेरी  मुहब्बत का सुरूर ,
जो मेरा है तो फिर तू आएगा ज़रूर ,
एक पल भी तुझे भूल पाई  नहीं हूँ ,
जब से रूठा है तू ,मुस्कुराई  नहीं हूँ,,,,,,,



8 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया


सादर

विभा रानी श्रीवास्तव said...

दिल को छू लेने वाली रचना !!
शुभकामनायें !!

Unknown said...

ज़बरदस्त ..............बहुत अच्छा ......

Unknown said...

ज़बरदस्त .............शानदार

ओंकारनाथ मिश्र said...

बहुत खूब.

दिगम्बर नासवा said...

कमाल की बंध हैं सभी ...
वो जरूर आएगा ...

dr.mahendrag said...

दिल को छु ने वाली .सुन्दर अभिवव्क्ति, ..अच्छी रचना

शिवनाथ कुमार said...

सुन्दर रचना
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...

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